"दिलों के रास्ते"
"मोहब्बत की राहें, ग्वालियर"
चैप्टर 1: "पहली मुलाकात"
ग्वालियर, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर, जो न केवल अपने किलों और महलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के जीवन में भी एक अनोखी ऊर्जा है। इसी शहर में स्थित गजराराजा मेडिकल कॉलेज और MITS इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं की दुनिया आज पहली बार एक-दूसरे से टकराई थी।
सुमित, जो इंदौर का रहने वाला था, MITS इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह अपने प्रोजेक्ट्स में हमेशा व्यस्त रहता था और अपने दोस्तों के साथ कॉलेज में ही कई नए आविष्कारों पर काम करता था। सुमित का मानना था कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करके समाज में बदलाव लाया जा सकता है, और वह इस दिशा में अपने विचारों को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा तैयार रहता था।
खुशबू, जो जबलपुर की रहने वाली थी, गजराराजा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की कठिन पढ़ाई कर रही थी। उसका सपना था कि वह एक दिन डॉक्टर बने और समाज में बदलाव लाए। उसकी सबसे करीबी दोस्त खुशी थी, जो हमेशा उसकी ताकत बनती थी और उसे पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती थी।
पहली मुलाकात:
यह एक सामान्य दिन था जब ग्वालियर के सिटी सेंटर में एक बड़ा विज्ञान और सांस्कृतिक प्रदर्शनी आयोजित किया गया था। कॉलेज के छात्रों के लिए यह एक बड़ा अवसर था, जहां वे अपने प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित कर सकते थे। खुशबू और खुशी भी अपनी मेडिकल रिसर्च के बारे में जानकारी देने आई थीं, वहीं सुमित और उसके दोस्त अभिषेक और रोहन अपने इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करने पहुंचे थे।
सुमित अपनी टीम के साथ खड़ा था, जो एक नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी, जो चिकित्सा क्षेत्र में भी मददगार हो सकती थी। सुमित अपने प्रोटोटाइप की कार्यप्रणाली समझा रहा था, और उसकी टीम उसे हर छोटे-बड़े पहलू पर चर्चा कर रही थी।
खुशबू और खुशी प्रदर्शनी में घूमते हुए सुमित के स्टॉल के पास आईं। खुशबू की नज़र सुमित पर पड़ी, जो एक उपकरण के बारे में बात कर रहा था। उसके अंदर कुछ ऐसा था, जो खुशबू को बहुत प्रभावित किया। उसे लगा कि यह डिवाइस शायद मेडिकल क्षेत्र में उपयोगी हो सकती है।
खुशबू ने थोड़ा संकोच करते हुए सुमित से पूछा, "मुझे यह डिवाइस समझ में नहीं आ रही है, क्या आप इसे मेडिकल क्षेत्र में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?"
सुमित ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "यह डिवाइस मरीजों की बीमारी की पहचान जल्दी और सही तरीके से करने में मदद कर सकती है। इसके जरिए डॉक्टर जल्दी से सही इलाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।"
खुशबू ने ध्यान से सुना, और फिर एक पल के लिए कुछ सोचा। "यह तो बहुत अच्छा है। अगर यह तकनीक सही तरीके से मेडिकल क्षेत्र में लागू हो जाए तो कितना बेहतर होगा।"
सुमित को खुशबू का यह उत्साह बहुत अच्छा लगा, और उसने जवाब दिया, "हां, हम इस पर और काम कर रहे हैं। शायद हमारे प्रयासों से कुछ बदलाव आ सके।"
खुशी , जो खुशबू के पास खड़ी थी, मुस्कुराई और धीरे से खुशबू से बोली, "यह तो सच में एक अच्छा आइडिया है, और मुझे लगता है कि इस तकनीक का मेडिकल क्षेत्र में अच्छा उपयोग हो सकता है।"
खुशबू ने सुमित से पूछा, "आपका नाम क्या है?"
सुमित ने झिझकते हुए कहा, "मेरा नाम सुमित है। मैं इंदौर से हूं और MITS इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूँ।"
खुशबू ने अपना हाथ बढ़ाया और कहा, "मेरा नाम खुशबू है, और मैं जबलपुर से हूं। मैं गजराराजा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हूँ।"
सुमित ने हाथ मिलाते हुए कहा, "आपसे मिलकर अच्छा लगा, खुशबू। आपकी सोच और उत्साह देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।"
खुशबू मुस्कुराई, "आपका भी, सुमित। ऐसा लगता है कि हम दोनों को एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।"
खुशी ने फिर मजाक करते हुए कहा, "ऐसा लग रहा है कि आप दोनों अब अच्छे दोस्त बन गए हो!"
सुमित और खुशबू दोनों मुस्कुराए और बात को बदल दिया। यह छोटी सी मुलाकात उनके लिए एक नई शुरुआत थी, जहाँ दोस्ती की बुनियाद रखी जा रही थी। दोनों जानते थे कि उनकी दुनिया अलग है, लेकिन कहीं न कहीं उनके विचार एक जैसे थे—दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे थे।
दोस्ती का आरंभ:
इसके बाद, सुमित और खुशबू के बीच संपर्क बढ़ने लगा। दोनों ने एक-दूसरे के क्षेत्र में काम करने के बारे में जानकारी ली। सुमित ने खुशबू को बताया कि उसकी टीम मेडिकल क्षेत्र के लिए एक नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, और खुशबू ने सुमित को अपने मेडिकल रिसर्च के बारे में बताया। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती गहरी होने लगी।
सुमित ने खुशबू से कहा, "तुम तो मेडिकल की बहुत बड़ी छात्रा हो, मुझे लगता है तुम्हारी मदद से हम अपने प्रोटोटाइप को मेडिकल क्षेत्र में लागू करने के लिए और बेहतर बना सकते हैं।"
खुशबू ने हंसते हुए कहा, "मुझे भी लगता है कि टेक्नोलॉजी और मेडिकल के बीच एक अच्छा तालमेल बन सकता है। अगर हम दोनों मिलकर काम करें, तो हम कई समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं।"
खुशी और अभिषेक दोनों इस दोस्ती को देखकर खुश थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि सुमित और खुशबू की दोस्ती का एक अच्छा असर होगा, खासकर उनके अपने-अपने क्षेत्रों में बदलाव लाने के लिए।
अगले चैप्टर में :- हम देखेंगे कि सुमित और खुशबू की दोस्ती किस दिशा में बढ़ती है और उनके बीच कब प्यार की भावनाएँ जागृत होती हैं।
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