पहलगाम आतंकी हमला 2025: पीएम मोदी की सख्त चेतावनी, सेना को मिली खुली छूट | आतंकवाद पर भारत का जवाब
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए
बायसरन घाटी, पहलगाम – 22 अप्रैल 2025 को हुए इस भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए और 10 से ज्यादा घायल हुए। यह हमला न केवल एक पर्यटन स्थल पर हमला था, बल्कि भारत की सुरक्षा, अखंडता और सहिष्णुता पर सीधा वार था।
पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों, NSA अजीत डोभाल और CDS अनिल चौहान के साथ हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद पीएम ने देश को आश्वस्त करते हुए कहा:
"आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। सेना को कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट दी जाती है।"
बैठक के कुछ समय बाद गृहमंत्री अमित शाह और RSS प्रमुख मोहन भागवत भी प्रधानमंत्री निवास पहुंचे, जिससे इस हमले को लेकर सरकार की गंभीरता और एकजुटता स्पष्ट होती है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने 9 घंटे में 9 देशों के विदेश मंत्रियों से बात की। इसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना और भारत की स्थिति को मजबूती से सामने रखना था।
पाकिस्तान की भूमिका और मास्टरमाइंड का खुलासा
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का कबूलनामा
हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने माना कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करता आ रहा है। भारत ने उनके X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हाशिम मूसा: हमले का मास्टरमाइंड
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने खुलासा किया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान का पूर्व SSG कमांडर हाशिम मूसा है, जो वर्तमान में लश्कर-ए-तैयबा के लिए सक्रिय है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य अहम अपडेट्स
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NIA ने बायसरन घाटी में हमले का सीन री-क्रिएट किया ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
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104 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी-वाघा बॉर्डर से वापस भेजा गया।
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महाराष्ट्र सरकार ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को ₹50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
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राजस्थान में पाकिस्तानी हैकर्स ने शिक्षा विभाग की वेबसाइट हैक कर धमकी दी: “अगला हमला टेक्नोलॉजी से होगा।”
भारत की आतंकवाद के खिलाफ रणनीति और वैश्विक संदेश
यह हमला भारत के लिए एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक निर्णायक मोड़ है। प्रधानमंत्री मोदी की नीति अब स्पष्ट है – आतंकवाद का जवाब आतंकवाद की भाषा में दिया जाएगा। भारत केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति की ओर बढ़ रहा है, जिसमें कूटनीति, सैन्य बल और साइबर सुरक्षा सभी को शामिल किया गया है।
✅ निष्कर्ष: क्या भारत को और कठोर रुख अपनाना चाहिए?
यह समय है कि भारत एक बार फिर दुनिया को दिखा दे कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे वह सीमा पार से हो, या साइबर हमलों के जरिए — भारत हर मोर्चे पर तैयार है।
👉 आपकी राय क्या है? क्या भारत को अब सर्जिकल स्ट्राइक जैसे और कदम उठाने चाहिए?